Wednesday, September 22, 2010

मेरे प्यारे दोस्त

देर रात घर आने के बाद गांलियो के साथ maggie खाने का मजा कुछ और था,

रात का एक और रंग भी ढुंढा था तुम्हारे साथ......

सुबह भी रोज पानी भरते वक्त आंख लगकर overflow हुआ करती थी



कुछ थोडी सी दुनिया rent के flat मै हम ने share की थी

तुम्हे वो पडोसी य़ाद हे? जिसके साथ तुम हमेशा झगडते थे

परसो ऐवे ही शाम के वक्त आकर तुम्हारे बारे मे पुछ रहा था लगता हे ,

उसे भी शाय़द तुम्हारी आदत सी हो गयी थी



हर week end का तुम्हारा break up , उसके बाद थोडासा रोना

और बात खतम होती थी कोइ भी घटिया सी फ़िल्म देखकर

तुम्हारे हर girl friend की तस्वीर का album बनाकर

तुम्हारे एक birthday के समय तुम्हे gift की थी



और याद हे तुम्हारा कुत्तेसे डरना

तुम्हारा unpredictable गुस्सा और थोडा melodramatic तरीकेवाला प्यार

तुम्हारे कई सदियो से ना धोये हुए कपडे

इन सब मे ,तुम्हारे जाने के बाद वाले situation के लिये फ़ुरसत ही नही थी



लेकिन अपनी अपनी जिंदगी होती हे, तुम्ही ने एकबार नशेमे कहा था

तब तुमने झगडने ना कोई इरादा था ना कोइ मतलब

गर मिलोगे कभी तो जरुर बताउंगी

मेरी "अपनी जिंदगी" की definition शायद थोडी अलग थी



खैर ये भी एक pattern होता हे जिंदगी का

गुजरे लम्हो की कितनी तेजी से से य़ादे बन जाती हे

जभ भी सोचती हु तुम्हे "आज" मे ही सोचती हु

जो चाहो दिल से तो पाओगे for sure, ये बात भी शाय़द तुमने ही कही थी


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